शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के हाथों टीम इंडिया को 8 विकेट की हार झेलनी पड़ी। इस हार का दूसरा पहलू था कि भारत दूसरी पारी में महज 36 रनों पर सिमट गया। एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में भारतीय टीम ने एक के बाद कई बड़ी गलतियां की। जिसकी भरपाई विराट कोहली की टीम को करारी हार से करनी पड़ी। अब दूसरा टेस्ट मेलबोर्न में 26 दिसंबर से खेला जाएगा। अगर टीम इंडिया इन गलतियों को दोहराती है तो उन्हें एक बार फिर हार का स्वाद चखना पड़ सकता है।
टीम को मनचाही शुरुआत की जरूरत
रोहित शर्मा की गैरहाजिरी में सलामी बल्लेबाज भारत को मनचाही शुरुआत देने में विफल रहे हैं। ये विफलता केवल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं रही है। बल्कि न्यूजीलैंड दौरे पर भी दो टेस्ट मैच की श्रृंखला में भारत की ओपनिंग जोड़ी रन को तरसती नजर आई थी। तब मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ की जोड़ी ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 16 और दूसरी पारी में 27 रन जोड़े थे। दूसरे टेस्ट में यही आंकड़ा 30 और 8 रनों का रहा था।
भारतीय ओपनर्स की नाकामी का सिलसिला न्यूजीलैंड से ऑस्ट्रेलिया तक जारी है। एडिलेड टेस्ट में एक बार फिर मयंक-पृथ्वी की जोड़ी असफल रही और 0 व 7 रन जोड़ पाई थी। मेहमानों के लिए अब समय अपनी गलतियों से सीख लेने का है। अगर ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर कड़ी टक्कर देना है तो भारत को मनचाही शुरुआत की बेहद ज्यादा जरूरत है।
लपकने पड़ेंगे कैच
जब से भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर आई है तब से मानों खिलाड़ियों के बीच कैच छोड़ने की होड़ सी लगी हुई है। एकदिवसीय और टी-20 श्रृंखला में भी टीम इंडिया के प्लेयर्स हाथ में आया कैच टपकाते दिखाई दिए थे। बात करे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट कि तो मेहमान टीम ने चार से पांच से छोड़े। इनमें से ज्यादातर मौके तो हाथ में आकर छिटक गए। जिसमें से एक कैच टिम पैन का भी था।
जब ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का कैच फिसला तब वे 30 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे। आगे जाकर उन्होंने नाबाद 73 रन बना दिए जो भारतीय टीम पर भारी पड़ गए। निश्चित ही टीम इंडिया को क्षेत्ररक्षण में सुधार की आवश्यकता है।
इन्फॉर्म खिलाड़ियों को मिलना चाहिए मौका
ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ दूसरे प्रैक्टिस मैच में शुभमन गिल 43 और 65 रनों की पारी खेल अपना फॉर्म साबित किया था। वहीं दूसरी तरफ पृथ्वी शॉ की 40 रन की इनिंग को छोड़ दे तो शेष पारियों में वे कुछ खास कमाल नहीं कर पाए। ऐसा ही कुछ विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ भी देखने को मिला था। पंत ने दूसरे प्रैक्टिस मैच की आखिरी पारी में धुआंधार शतक जमाया था। वहीं इस दौरान ऋद्धिमान साहा दो बार अपना खाता भी नहीं खोल सकते थे। सोशल मीडिया पर भी भारत की पहले टेस्ट की प्लेइंग इलेवन चर्चा में रही थी।
छोड़नी होगी विराट कोहली पर निर्भरता
इसमें किसी भी तरह का दोमत नहीं है कि विराट कोहली एक मैच विनर खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी से टीम इंडिया को ढेरों मुकाबले जिताए हैं। काई बार उनको अकेले दम पर मैच का पासा पलटते देखा का चुका है। अब पहले टेस्ट की पहली पारी को ही ले लीजिए। एक समय भारत ने 32 रन पर 2 विकेट गंवा दिए थे। तब कोहली मैदान पर आए और चेतेश्वर पुजारा के साथ टीम का स्कोर 100 तक पहुंचा दिया। जबकि पुजारा आउट हो गए तब वे अजिंक्य रहाणे के साथ टीम का स्कोर 200 के करीब ले गए।
लेकिन जैसे ही विराट रन आउट हुए टीम के शेष 6 खिलाड़ी महज 56 रनों पर ड्रेसिंग रूम लौट गए। विराट कोहली का रन आउट होना पहले टेस्ट का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। किसी एक खिलाड़ी के दम पर 4 टेस्ट मैचों की बड़ी श्रृंखला में जीत की कामना करना बेईमानी होगी। वैसे भी अब कोहली बाकी बचे मैचों के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। ऐसे में टीम के सभी खिलाड़ियों को एकजुटता दिखाते हुए बराबर का योगदान देना होगा।