ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा मुकाबला ड्रॉ होते ही भारतीय टीम के बॉर्डर-गावस्कर 2020-21 ट्रॉफी जीतने का सपना अभी बरकरार है। सिडनी में जीत के लिए 407 रन बनाने उतरी टीम इंडिया ने दूसरी पारी में 5 विकेट गंवाकर 334 रन जोड़े और मैच बचा लिया। हालांकि वे जीत से 73 रन से पीछे रह गए। अब 4 मैचों की टेस्ट श्रृंखला में 1-1 से संतुलित है। सीरीज का चौथा और अंतिम टेस्ट ब्रिस्बेन में खेला जाएगा।
बेशक भारतीय टीम मैच बचाने में सफल रही। लेकिन इस ड्रॉ के पीछे टीम की कुछ गलतियां भी शामिल रही अन्यथा भारत ये मैच जीत भी सकता था। टीम इंडिया के हाथ से मैच फिसलना पहले ही दिन से शुरू हो गया था, जब भारत ने एक के बाद एक कई पुरानी गलतियों को दोहराना शुरू किया। चलिए जानते हैं वो कौनसी 2 बड़ी वजहें रही जिनके चलते मेहमानों को ड्रॉ का सामना करना पड़ गया।
पांचवें गेंदबाज की भरपाई
पहली पारी में जब भारतीय टीम 94 रनों से पिछड़ गई तब जरूरी था कि वे ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में जल्द से जल्द आउट करें। लेकिन रवींद्र जडेजा की गैरमौजूदगी में ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं दिखा जिसने पांचवें गेंदबाज की कमी को उजागर नहीं होने दिया। रविचंद्रन अश्विन-जसप्रीत बुमराह समेत 4 खिलाड़ियों से सजा भारत का गेंदबाजी आक्रमण जडेजा की भरपाई नहीं कर सका। याद दिला दें कि जडेजा ने पहली पारी में 4 विकेट झटकते हुए विपक्षियों को बैक फुट पर ला दिया था।
कैच छोड़ना आदत में शामिल
अब कैच छोड़ने जैसी गलती से तो भारतीय टीम का एक नाता सा जुड़ गया है। इस बात का प्रमाण पहले ही दिन भारत ने विल पुकोव्स्की के 2 कैच छोड़ते हुए दे दिया था। इतना ही नहीं उस पारी में रन आउट के मौके भी टीम ने जमकर गंवाए। जैसे तैसे दूसरी पारी आई। लेकिन कैच टपकाने का सिलसिला नहीं थमा। मार्नस लाबुशेन, टिम पेन जैसे बड़े खिलाड़ियों का कैच छोड़ना टीम को महंगा पड़ गया।
ये वही अतिरिक्त रन है जो टीम इंडिया को मिलने वाले टारगेट में जुडते चलते गए। अगर कैच समय पर पकड़ लिए गए होते तो शायद भारत को मिला टारगेट छोटा होता।