इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में तीसरे दिन 578 रन स्कोरबोर्ड पर लगाए। 578 रनों के जवाब में भारतीय टीम के दोनों सलामी बल्लेबाज 44 रनों के स्कोर पर ड्रेसिंग वापस लौट गए। दोनों ऑपनर्स को तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने चलता किया। इसके बाद कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे भी जल्दी आउट हो गए। यहां तक भारत ने 73 के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए। तब ऋषभ पंत ने 91 रन बनाकर भारत की पारी को संवारने का काम किया।
ऋषभ पंत चौथी बार नर्वस नाइनटीज का शिकार
ऋषभ पंत आज इंग्लैंड के खिलाफ 91 रन बनाकर आउट हुए। ऐसा चौथी बार हुआ जब वे अपने टेस्ट करियर में नर्वस नाइनटीज का शिकार बने। बता दें कि पंत 17 टेस्ट की 28 पारी में 2 शतक की मदद से 1179 रन बना चुके हैं। सबसे पहले वे साल 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में 92 रनों की पारी खेल कर अपना पहला टेस्ट शतक लगाने से चूके थे। वेस्टइंडीज के इसी भारत दौरे पर एक बार फिर ऋषभ पंत 92 रनों की पारी को शतक में नहीं बदल सके थे। स्कोर वही था लेकिन मैदान हैदराबाद का था।
इसके बाद 2020-21 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। जहां एडिलेड टेस्ट में भारत के 36 रनों पर ढेर होने के बाद दूसरे टेस्ट में कई बदलाव हुए थे। तब ऋषभ पंत को ऋद्धिमान साहा की जगह मौका मिला था। इस मौके का फायदा उठाते हुए उन्होंने सिडनी (तीसरे) टेस्ट में 97 रनों की पारी खेल कर मैच बचाया था। लेकिन वे 3 रन से अपना शतक पूरा नहीं कर सके थे।
जबकि इंग्लैंड के खिलाफ आज तीसरे दिन चौथी बार ऋषभ पंत नर्वस नाइनटीज का शिकार हुए। अगर वे 9 रन और बनाने में सफल हो जाते तो ये उनके टेस्ट करियर का तीसरा शतक होता। जो भी हो ऋषभ पंत की 91 रनों की इस पारी की बदौलत भारत 250 रनों का अंक पार कर पाया। अगर पुजारा-पंत के बीच पांचवें विकेट के लिए 119 रनों की साझेदारी ना होती तो भारत की स्थिति और नाजुक हो सकती थी।