टेस्ट क्रिकेट में कुल मिलाकर 30 तिहरे शतक और एक बार 400 रनों की पारी खेली जा चुकी है। दो या उससे ज्यादा बार तिहरा शतक जड़ने वाले वाले बल्लेबाजों में सर डॉन ब्रेडमैन, क्रिस गेल, ब्रायन लारा और वीरेंद्र सहवाग का नाम शामिल हैं। ब्रायन लारा 400 (नॉटआउट) और 375 रनों की पारी खेल चुके हैं। जबकि शेष बल्लेबाज दो-दो तिहरे शतक जमा चुके हैं। टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 3 तिहरे शतक की चर्चा आगे की गई है।
टेस्ट क्रिकेट के सबसे तेज 3 तिहरे शतक
278- टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज तिहरा शतक जड़ने का विश्व कीर्तिमान वीरेंद्र सहवाग के नाम पर दर्ज है। साल 2008 के भारत दौरे पर दक्षिण अफ्रीकी टीम ने पहला टेस्ट मैच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला था। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लेते हुए हाशिम अमला के 159 रनों की बदौलत पहली पारी में 540 रन स्कोरबोर्ड पर लगाए थे।
जवाब में वीरेंद्र सहवाग और वसीम जाफर ने पारी की शुरुआत की। वसीम जाफर 73 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट करियर का दूसरा तिहरा शतक जड़ दिया। आउट होने के पहले सहवाग ने 530 मिनट की बल्लेबाजी के दौरान 304 गेंदों में 319 रनों का तिहरा शतक जड़ा। 319 रनों की पारी में उन्होंने 42 चौके और 5 छक्के जमाए थे। जबकि 300 रन बनाने के लिए उन्होंने 278 गेंदों का सामना किया था। 278 गेंदों में सबसे तेज तिहरे शतक का विश्व कीर्तिमान आज भी सहवाग के नाम पर दर्ज है।
362- ऑस्ट्रेलिया के ओपनिंग बल्लेबाज मैथ्यू हैडन ने 2003 में जिम्बाब्वे के विरुद्ध खेलते हुए टेस्ट क्रिकेट का दूसरा सबसे तेज तिहरा शतक जड़ा था। पर्थ में खेले गए इस टेस्ट मैच में उन्होंने 364 गेंदों में 33 चौके और 8 छक्के की सहायता से दुनिया का दूसरा सबसे तेज तिहरा शतक लगाने की उपलब्धि हासिल की थी। उनकी इस धमाकेदार पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट पर 735 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी।
मैथ्यू हैडन तिहरे शतकीय पारी में 80 रन और जोड़कर आउट हो गए थे। उनके बल्ले से 437 गेंदों में कुल 380 रन निकले थे। जहां उन्होंने 38 चौके और 11 छक्के जड़े थे। ये मैच ऑस्ट्रेलिया ने 175 रनों से जीता था।
364- टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज तिहरा शतक लगाने का कारनामा वीरेंद्र सहवाग दो बार कर चुके थे। साल 2003 में जब भारत ने पाकिस्तान का दौरा किया था तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि सहवाग एक बड़ा धमाका करने वाले हैं। ये वही टेस्ट मैच था जिसके बाद से सहवाग को मुल्तान का सुल्तान कहा जाने लगा।
दरअसल राहुल द्रविड़ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का चुनाव किया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 5 विकेट पर 675 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी। 675 के इस स्कोर में वीरेंद्र सहवाग ने 375 गेंदों में 309 रन बनाकर भारतीय टेस्ट इतिहास का पहला तिहरा शतक लगाने का अद्भुत कारनामा किया था। इस पारी में उनके बल्ले से 39 चौके और 6 छक्के आए थे। सहवाग ने 364 गेंदों में 300 रन बनाकर विश्व का तीसरा सबसे तेज तिहरा शतक जड़ा था।