राजकोट के निरंजन शाह स्टेडियम में तीसरा टी20 जीतकर इंग्लैंड ने भारत के जीत सिलसिले को खत्म कर दिया। इंग्लैंड ने पहले बैटिंग करते हुए 9 विकेट पर 171 रन बनाए थे। जवाब में भारत 9 विकेट पर 145 रन ही बना पाया। 26 रनों की इस जीत की बदौलत इंग्लैंड ने भारत को सीरीज जीतने से रोक दिया। अब सीरीज 2-1 पर आ गई है। याद दिला ने कि टीम इंडिया ने कोलकाता में 7 विकेट और फिर चेन्नई में 2 विकेट से मुकाबला जीतकर 2-0 की बढ़त बनाई थी।
तीसरे टी20 के दौरान भारतीय टीम की तरफ से कई कमियां नजर आई, जिसका भुगतान भारत को हार के साथ करना पड़ा। आइए नजर डालते हैं, उन तीन बड़ी गलतियों या रणनीति पर जो भारत के पक्ष में जाने के बजाय इंग्लैंड के लिए फायदेमंद साबित हुई।
भारत की हार के 3 बड़े कारण
राजकोट के टी20I इतिहास को टटोलकर देखें तो हमें पता चलता है कि टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने वाली टीम फायदे में रहती है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि सूर्यकुमार यादव का टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय गलत साबित हुआ। इस मैदान पर कुल 6 टी20 इंटरनेशनल हुए हैं, जिसमें से पहले बैटिंग करने वाली टीम ने चार मैच जीते। अगर भारत पहले बल्लेबाजी करता तो शायद मैच नहीं गंवाता।
तीसरे टी20 के दौरान भारत के बल्लेबाजी क्रम भी कमी नजर आई। ध्रुव जूरेल जैसे स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के रहते ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल को ऊपर बैटिंग के लिए भेजने की रणनीति कारगर साबित नहीं हुई। सुंदर ने 15 गेंद खेलकर 6 रन बनाए तो वहीं अक्षर ने 16 बॉल में 15 रन। जब तक जूरेल की बारी आई तब बहुत देर हो चुकी थी।
बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन भारत की हार का सबसे बड़ा कारण बना। सलामी बल्लेबाज संजू सैमसन लगातार एक ही तरह से आउट हो रहे हैं। वह रन बनाने को तरस रहे हैं। पिछली 3 पारियों में उन्होंने 26, 5 और 3 रन बनाए। ऐसा ही कुछ हाल कप्तान सूर्यकुमार यादव का भी है। तीन पारियों में उन्होंने केवल 26 (0, 12, 14) रन बनाए। निश्चित तौर पर एक खिलाड़ी के बलबूते हर मैच नहीं जीता सकता। अगर भारत को लगातार मैच जीतने है तो टीम को एकजुटता दिखनी होगी।
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